Sunday, June 23, 2019

नमस्कार और नमस्ते। Namaskar aur Namaste

नमस्कार दोस्तों, 
स्वाध्याय में आपका स्वागत है।

दोस्तों नमस्कार और नमस्ते ये दो शब्द हम सभी पुरे दिन में कई बार सुनते और बोलते है। 
लेकिन नमस्कार कब करे और नमस्ते कब करें। ...? 



तो दोस्तों, नमस्कार अपने बराबर वालों  से किया जाता है। मेरा मतलब है कि उम्र में लगभग बराबर वालो से नमस्कार किया जाता है। 

अब बात करें  नमस्ते की ,नमस्ते जो कि  पैर छूने का मॉर्डन रूपांतरण है वो अपने से बड़ों से किया जाता है। 

दोस्तों, आज कल देखने में ये आता है कि अगर हम किसी बड़े को नमस्ते कहते हैं तो वो भी जवाब में नमस्ते ही कहते हैं यानी कि नमस्ते का जवाब नमस्ते से ही देते हैं ,जो कि बिल्कुल गलत है। 

मान लीजिये कोई आपसे छोटा आपके पैर  छूए तो क्या आप भी जवाब में उसके पैर छू  देंगे ...?




                                                                                              








नहीं ना। तो फिर नमस्ते के समय ऐसा क्यों ...?


दोस्तों , पहले के समय में जब लोग नमस्ते की जगह प्रणाम, प्रणिपात इत्यादि कहते थे , तो बड़े-बुजुर्ग जवाब में आयुष्मान भवः , दीर्घायु भवः , खुश रहो, जीते रहो इत्यादि कहते थे। 




आज के समय में हम अगर ये सब शब्द  नहीं भी कह सकते तो साधारण  सा नमस्ते के जवाब में "खुश रहो " इतना तो कह ही सकते हैं। 

तो अंत में दो बातें सामने आयी -

पहली - अपने से बड़ों को नमस्ते 
             और  अपने बराबर वालों को नमस्कार  किया जाता है। 

दूसरी - कोई हमसे छोटा हमें नमस्ते कहे तो जवाब में खुश रहो इतना कहना है। 

                                   इतना तो हम कह ही सकते हैं।